महिलाओं के लिए ब्रह्माकुमारीज़ का शक्ति सत्र
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय के धनबाद सेण्टर के ओर से गोविंदपुर स्थित अग्रसेन भवन में शक्ति सत्र का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मलेन, गोविंदपुर के पदाधिकारियों ने भाग लिया | महिला सम्मेलन कि सचिव सीमा सरिया के अनुरोध पर आयोजित शक्ति सत्र में ब्रह्माकुमारीज़ के धनबाद सेण्टर की प्रमुख अनु दीदी ने राजयोग के बारे में बताया |
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Meena Bansal
ॐ शांति
मैं यहाँ आकर अपने आप बहुत हल्का महसूस कर रही हूँ, मैं अनु दीदी की बहुत बहुत आभारी हूँ जो मुझे शांति की ओर दर्शन करा रही थी | मैं चाहती हूँ ऐसी एक संस्था हो जो हम कभी दुखी हो, किसी के प्रति हमारी सोच गलत हो तो हम उससे सच्चा दर्शन आईना दिखने वाला हो, मैं यही कामना करती हूँ दीदी से |
Anju Saria
ॐ शांति ॐ
आत्मा की शांति के लिए बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन | इस शांति की प्राप्ति के लिए मैं भी कोर्स करना चाहती हूँ |
Isha Agarwal
आज हमलोगो के बीच अनु दीदी आयी, बहुत बहुत सदर प्रणाम, बहुत अच्छा लगा, हमलोग आएंगे, मैं मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्ष ईशा अग्रवाल, हम सभी बहने कोर्स करना चाहते है |
Bimla Sharma
ॐ शांति ॐ
इसके बारे में आज हमें बहुत ही अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ | अनु दीदी ने बहुत ही अच्छा समझाया | आत्मा ओर परमात्मा के बारे में | और हम कैसे विचारो का आदान – प्रदान करते है | हम जैसा ही करेंगे वैसा ही हमें प्राप्त होता हैं |
Seema Saria
आज मुझे दीदी से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा | हमारी कई बहनो ने मिलकर यह कोर्स करने को भी कहा हैं | हमारा आज का ही अनुभव इतना अच्छा था तो कोर्स के बाद तो हमें और भी अच्छा लगेगा |
Sunita Bansal and Renu Dudani
ॐ शांति
आज अनु दीदी से अपने ख़ुशी और दूसरे के खुशी को आपस में आदान – प्रदान करने से हम जीवन में कितना बदलाव ला सकते हैं, सुनकर बहुत अच्छा लगा | मैंने निर्णय लिया कि मै उनके पास जाकर क्लास करुँगी | आधे घंटे कि परिचर्चा इतनी अच्छी तो क्लास करके अपने में बहुत चेंज ला सकते हैं |
Sangita Saria
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आज हमारी समिति में जो कार्यक्रम हुआ उसमे हम सभी को आत्मिक शांति का अनुभव हुआ | मैंने राजयोग की क्लास की हैं | तो उसका अनुभव अद्भुत था | हम आज की आपा धापी और टेंशन की ज़िन्दगी में कुछ क्षण सुकून और शांति के खोजते हैं | लग रहा हैं वो तलाश अब पूरी हो रही हैं | आगे भी यह संकल्प हैं कि हम इस अनुभव को अपने जीवन को जीने का मंत्र बनाये और अपने परिवार और परिजनों को भी सिखाये |
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